गोंडा लोकसभा सीट पर किस पार्टी की होगी विजय, क्या रहा है अब तक का इतिहास

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स्वतंत्र भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी का संसदीय क्षेत्र गोंडा है | अयोध्या के करीब होने के कारण इसका संबंध पुरातन काल से बताया जाता है | गोंडा लोकसभा सीट को हाईप्रोफाइल सीट में गिना जाता था | 1952 में यह क्षेत्र दो संसदीय सीट में विभाजित था | दूसरी सीट को गोंडा नॉर्थ सीट के नाम से जाना जाता था |

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1952 में यहां से चौधरी हैदर हुसैन ने जीत दर्ज की थी |

1952 में गोंडा वेस्ट सीट से हिंदू महासभा की शकुंतला नायर ने जीत हासिल की थी |

1957 में कांग्रेस के दिनेश प्रताप सिंह ने जीत हासिल की थी |

1990 के बाद की राजनीति पर बात की जाए तो 1991 से बीजेपी के बृज भूषण शरण सिंह ने जीत दर्ज की थी |

बीजेपी ने इस सीट पर चार बार कब्ज़ा किया | यह सीट एसपी को 2 बार मिली और एक बार कांग्रेस को मिली |

2009 के चुनाव में कांग्रेस के बेनी प्रसाद वर्मा ने इस सीट पर परचम लहराया |

2014 के चुनाव में मोदी लहर ने बेनी प्रसाद वर्मा का किला ढहा दिया | इस चुनाव में यह सीट भाजपा के पास चली गयी |

चुनावी समीकरण

2011 की जनगणना के अनुसार, गोंडा जिले की आबादी 34.3 लाख है, जिले में 17.9 लाख (52  प्रतिशत पुरुष और करीब 16.5 लाख (48 प्रतिशत) महिलाएं हैं | जातिगत आधार पर देखा जाए तो यहां की 84 प्रतिशत आबादी सामान्य वर्ग की है जबकि 15 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं | यहाँ पर हिंदुओं की आबादी 79.8 प्रतिशत है जबकि मुस्लिमों की आबादी 19.8 प्रतिशत है | गोंडा लोकसभा सीट पर 6 मई को मतदान कराया जायेगा |

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