अगर एक साल के अंदर 10 लाख नकद निकाले तो देना पड़ सकता है टैक्स, सरकार कर रही इसके लिए पूरी तैयारी

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हाल ही में आरबीआई ने बैंक NEFT और RTGS पर शुल्क नहीं लगाने की घोषणा की थी। इसके साथ ही अब सरकार सालभर में 10 लाख रुपये नकद निकालने वालों पर टैक्स लगाने की तैयारी कर रही है| मुख्य  सरकार का यह कदम उठाने का मुख्य उद्देश्य कागजी मुद्रा के उपयोग को कम करना और ब्लैक मनी पर विराम लगाना है, साथ ही डिजिटल भुगतान के उपयोग को बढ़ावा देना  है।

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मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सरकार का मानना है कि लगभग लोगो और व्यापार करनें वाले लोगो को 10 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक नकदी निकासी की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इन सभी पक्षों पर 5 जुलाई को पेश होने वाले बजट से पहले विचार-विमर्श हुआ, हालांकि इस प्लान को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। यह भी स्पष्ट है, कि सरकार ऐसा कुछ नहीं करना चाहती है, जिससे कि मध्य वर्ग और गरीबों पर किसी प्रकार का कानूनी बोझ बढ़े।

कुछ वर्ष पूर्व सरकार ने व्यापार करनें वाले लोगो के लिए डिजिटल या चेक पेमेंट को अनिवार्य कर दिया था, ताकि व्यवसाय के खर्चों के लाभ का दावा किया जा सके। नतीजतन, बड़ी कंपनियां 10 हजार रुपये से अधिक का भुगतान चेक या बैंक हस्तांतरण के माध्यम से कर रही हैं। यूपीए सरकार ने एक दशक पहले बैंक कैश ट्रांसफर टैक्स लागू किया था|

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