अब तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति का केंद्र मेरठ रहा है, यहाँ की चुनावी हलचल उत्तर प्रदेश की राजधानी तक की सुनाई देती है| देश के पहले लोकसभा चुनाव के समय मेरठ लोकसभा तीन क्षेत्रों में विभाजित थी| मेरठ जिला (पश्चिम), मेरठ जिला (दक्षिण), मेरठ जिला (उत्तर पूर्व)। मेरठ पश्चिम सीट से पहली बार कांग्रेस की ओर से खुशी राम शर्मा सांसद बनी थी|
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1957 में तीनों लोकसभा सीटों को एक में ही मिला दिया गया जिससे मेरठ लोकसभा सीट का गठन हुआ कांग्रेस ने इस चुनाव में शाहनवाज खान को चुनाव मैदान में उतारा था, शाहनवाज ने इस पर जीत दर्ज की थी|
मेरठ लोकसभा सीट पर वर्ष 1989 में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा इसके बाद साल 1991 में रामलहर के प्रभाव के चलते इस सीट पर भाजपा ने पहली बार कब्जा किया| इस सीट पर एक बार बहुजन समाज पार्टी ने भी जीत दर्ज की इसके बाद से लगातार दो बार से भाजपा के खातें में यह सीट जा रही है|
वर्ष | विजेता | पार्टी का नाम |
1952 | शाहनवाज खान | कांग्रेस |
1957 | शाहनवाज खान | कांग्रेस |
1962 | शाहनवाज खान | कांग्रेस |
1967 | महाराज सिंह भारती | संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी |
1971 | शाहनवाज खान | कांग्रेस |
1977 | कैलाश प्रकाश | जनता पार्टी |
1980 | मोहसिना किदवई | कांग्रेस |
1984 | मोहसिना किदवई | कांग्रेस |
1989 | हरीश पाल | जनता दल |
1991 | अमरपाल सिंह | भाजपा |
1996 | अमरपाल सिंह | भाजपा |
1998 | अमरपाल सिंह | भाजपा |
1999 | अवतार सिंह भड़ाना | कांग्रेस |
2004 | हाजी शाहिद अखलाक | बसपा |
2009 | राजेंद्र अग्रवाल | भाजपा |
2014 | राजेंद्र अग्रवाल | भाजपा |
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